राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की पूर्ववर्ती स्थिति और स्कोरिंग मानदंडों के आधार पर और इसे आबंटित कुल संख्या के अनुसार संभावित स्मार्ट शहरों चयन शुरू करता है। प्रतियोगिता का पहला चरण अंतर राज्यीय है, जिसमें राज्य के शहर पूर्ववर्ती स्थिति और निर्धारित स्कोरिंग मानदंड पर प्रतिस्पर्धा करेंगे। संभावित शहरों द्वारा प्रतियोगिता के पहले दौर में सफल होने के लिए इन शर्तों को पूरा किया जाना है और उच्चतम स्कोरिंग करने वाले संभावित स्मार्ट शहरों का चयन किया जाएगा और चैलेंज के स्टेज 2 में भाग की सिफारिश की जाएगी। पूर्ववर्ती शर्तें और प्रपत्र दिशा निर्देशों का अनुबंध 4 में दिए गए हैं। प्रपत्रों में शहरी स्थानीय निकाय द्वारा भेजी गई जानकारी राज्य मिशन निदेशक द्वारा मूल्यांकन किया जाना है और मूल्यांकन के अनुमोदन के लिए राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (एचपीएससी) के समक्ष रखा जाना है। राज्य एचपीएससी की संरचना दिशा निर्देशों के पैरा 13 में दी गई है।
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा निर्धारित तिथि तक शहरी विकास मंत्रालय को सिफारिश की गई स्मार्ट शहरों की सूची के रूप में प्रतियोगिता के पहले दौर में सफल होने वाले शहरों को भेजा जाएगा (मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में संकेत दिया जाना है)। राज्य सरकार को प्रपत्र (अनुबंध 3 में दिए गए) को भरना होगा और सिफारिश की गई सूची के साथ भेजना होगा। इसके बाद शहरी विकास मंत्रालय 100 स्मार्ट शहरों की सूची की घोषणा करेगा।
प्रतियोगिता के दूसरे चरण में, संभावित 100 स्मार्ट शहरों में से प्रत्येक 'सिटी चैलेंज' में भाग लेने के लिए अपने प्रस्ताव तैयार करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण स्तर है क्योंकि प्रत्येक शहर के स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव (एससीपी) में चुना गया मॉडल शामिल होने की संभावना है, चाहे वो रिट्रोफिटिंग या पुनर्विकास या ग्रीनफील्ड विकास या उनका मिश्रण हो, और इसके साथ ही इसमें स्मार्ट समाधान के साथ एक पैन शहर आयाम शामिल है। एससीपी में शहर निवासियों और अन्य हितधारकों के साथ हुए विचार-विमर्श की रूपरेखा तैयार किया जाएगा कि एससीपी में निहित मिशन को कैसे पूरा किया जाएगा और महत्वपूर्ण रूप से निजी भागीदारी को आकर्षित करने के लिए राजस्व मॉडल सहित स्मार्ट सिटी योजना के वित्तपोषण के लिए प्रस्ताव क्या है। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा पेशेवरों के सलाह पर एससीपी के लिए मूल्यांकन का मानदंड तैयार किया गया है और इसे उनके प्रस्ताव तैयार करने के लिए शहरों के मार्गदर्शन के रूप में कार्य करना चाहिए। आवेदन के साथ भेजे जाने वाले मानदंड और दस्तावेज दिशानिर्देश के अनुबंध-4 में दिए गए हैं।