परिचय एसएमसी

सूरत महानगर पालिका एक स्थानिक स्वराज का सरकारी निगम है। बोम्बे प्रोविन्सीयल नगरपालिका धारा १९४९ (BPMC) अंतर्गत उसकी स्थापना हुई। BPMC कानून १९४९ की तहत उसे, दिये गये सभी आवश्यक और बंधन आधिन कार्य के अलावा अपनी विवेक बुध्धि पर आधारित कार्यो का वहन करना होता है। अपने इन कार्यो को एक अभियान के स्वरूप में आगे बढा़ते हुए सूरत नगर निगम कार्यरत है।

स्वरूप में आगे बढा़ते हुए संपूर्ण शहर को गतिशील, स्पंदन पूर्ण, सुंदर और स्व निर्भर बनाने के साथ साथ शाश्र्वत विकास की और ले जाने का कार्य में जूटा है।

शहरीजनों के लिए सुविधाओं के प्रमुख उपलब्धिकार के रूप में सूरत नगर पालिका , अपनी भूमिका को काफी सूझबूझ के साथ निभाता रहा है।

उपलब्धकार की भूमिका

  • पेयजल की पूर्तता
  • भूमिगत गटर व्यवस्था-पूर्ण शहर के लिए
  • बारमासी मार्ग- सुविधा
  • घन-कचरे-कूडे का प्रभावी और टिकाऊ प्रबंधन
  • सभी को आरोग्य आवरण, जिसमें गरीबों पर विशेष ध्यान
  • जरूरतमंदो को प्राथमिक शिक्षा और सभी के लिए ग्रंथालय-वाचनालय की सुविधा
  • वर्तमान झोंपडपट्टी विस्तारों में सुविधाओं का सुस्तरीकरण एवम् वैकल्पिक सुविधाएँ
  • स्वच्छ, हरित और प्रदुषणमुक्त पर्यावरण
  • आनंदपूर्ण सुशील मनोरंजन हेतु स्थल-सुविधाएँ
  • अग्निशमन सेवाएँ
  • प्रभावकरूपसे नगर नियोजन एवं विक

सुविधापूर्ति के प्रणेता

  • औद्योगिक प्रगति
  • व्यापार एवं वाणिज्य
  • आरोग्य सेवाएं
  • उच्चतर शिक्षा औऱ अनुसंधान
  • सांस्कृतिक प्रवृत्ति
  • रमत और खेलकूद
  • आनंद, प्रमोद और मनोरंजन
  • जन भागीदारी को जागृत रखना

इस अभियान को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढाने में सूरत महानगर पालिका, अपने पूर्वउल्लेखित कार्यो को सफलतापूर्वक पूर्ण करने का संक्षिप्त तरिका बनाया है जैसे कि

  • नागरिक सुविधाओं को श्रेष्ठत्तम रूप में उपलब्ध कराने का समर्पण
  • जवाबदेही अत्याधुनिक, सरल, हिसाबदेही और पारदर्शक प्रशासन

वैधानिक सत्तातंत्र

BPMC कानून १९४९ के अनुच्छेद-४ के प्रावधान के तहत SMS के सत्ता-अधिकारों को तीन विभिन्न वैधानिक सत्तातंत्र में अघिकृत किया गया है

  • सामान्य संचालन मंडल
  • स्टेन्डींग कमिटी-स्थायी समिति
  • पालिका आयुक्त
intro authorities